
दोस्तों मैं एक नई कहानी शुरू कर रहा हूँ. यह कहानी हमारे समाज में व्याप्त एक प्रथा यानि हलाला की है.
इस कहानी का मुख्य पात्र अब्बास अली खान है.और उंसकी आयु 53 साल है। वह पेशे से एक मौलवी है और उत्तर प्रदेश के एक गांव में रहता है. कद 5 फीट 6 इंच और रंग गेहूंआ है। जिस्म बहुत ही तगड़ा है और चेहरा पर हम मौलवी वाली दाढ़ी है। दिखने में वो एक पहलवान की तरह लगता है. उसके पास पैसा काफ़ी है। आंखों का रंग काला है और बाल सफेद हैं। अब्बास के घर में उसकी बेटी ही हैं। क्योंकि उसकी बीवी एक दुर्घटना में देहांत हो गया था और खुदा का बंदा होने के कारण उसने शादी नहीं की। वो दिन में ५ बार का नमाज़ी है और उसका काम मस्जिद मैं ५ बार नमाज अदा करवाना और किसी की शादी या मौत आदि मैं मौलवी का दाम करना है ।
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