
अब्बास अपने होश में लौटा, और बोला- "मैंने सुना था हूरों के बारे में, आज यकीन हो गया की वो होती होगी, सुभान अल्लाह, तुम्हारा हुस्न तो बेमिशाल है..."
ज़ैनब अपनी तारीफ सुनकर और शर्मा गई और अब्बास को कसकर पकड़ ली। अब्बास ने भी प्यार से उसकी पीठ पे हाथ फैरा। ज़ैनब उसे देख रही थी।
Write a comment ...