
अब्बास -" ज़ैनब बेटी. अब मैं क्या कहूं? तुमने तो मेरे मन की बात कह दी. मैं तुम्हे उस्मान के साथ जाने को कह तो रहा था पर असल में मैं अब तुम्हारे इस सुन्दर शरीर और तुम्हारी टाइट चूत और गांड को कैसे भूल पाउँगा. चलो ठीक हैं. अब उस्मान के साथ दोबारा निकाह के बाद भी हम अपना यह रिश्ता सदा कायम रखेंगे. दुनिया की नजरों में हम बाप बेटी होंगे और एक दुसरे के लिए हम मियां बीवी होंगे. एक बेटी होने के नाते तुम कभी भी इस घर में आ सकती हो, न तो किसी को कोई शक होगा और न ही उस्मान को कोई एतराज हो सकता है. तुम्हारा जब भी चुदवाने का मन हो अपने अब्बा के पास आ जाना और मेरा भी जब तुम्हे चोदने का मन होगा मैं अपनी बेटी को बुलवा लिया करूँगा. ठीक है? चलो अब जल्दी से तैयार हो जाओ उस्मान के आने का टाइम हो रहा है. "
ज़ैनब ने हाँ में सर हिलाया और उठ कर तैयार होने चली गयी.
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